अगर आपका सपना है आसमान में उड़ान भरने का और पायलट बनने का, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आजकल सिर्फ़ लड़के ही नहीं, बल्कि लड़कियाँ भी बड़े-बड़े एयरलाइंस और एयर फ़ोर्स में पायलट बनकर नाम कमा रही हैं। लेकिन सवाल ये है, पायलट बनने के लिए क्या-क्या पढ़ाई करनी पड़ती है? कौन से कोर्स करने होते हैं? और महिलाओं के लिए क्या अलग प्रक्रिया है?
इस आर्टिकल में मैं, अपने 20 साल के अनुभव के आधार पर आपको विस्तार से बताऊँगा कि भारत में पायलट कैसे बनें (Eligibility और Process)। साथ ही यह भी समझेंगे कि लड़कियाँ/महिलाएँ 12वीं के बाद पायलट कैसे बन सकती हैं, एयर फ़ोर्स जॉइन करने की प्रक्रिया क्या है, और पायलट ट्रेनिंग कितने साल की होती है।
पायलट कैसे बनें (पात्रता और प्रक्रिया)
भारत में पायलट बनना बहुत से युवाओं का सपना होता है। आसमान में उड़ान भरना और बड़े हवाई जहाज़ को कंट्रोल करना न सिर्फ रोमांचक है बल्कि यह एक प्रतिष्ठित और अच्छी सैलरी वाला करियर भी है। पायलट बनने के लिए मेहनत, सही दिशा और सही जानकारी होना बहुत ज़रूरी है।
अगर आप सोच रहे हैं कि “लड़कियां पायलट कैसे बनें?”, तो इसके लिए कुछ निश्चित पात्रता (Eligibility), ट्रेनिंग और प्रक्रिया (Process) होती है जिसे पूरा करना ज़रूरी है। इसमें शैक्षिक योग्यता, मेडिकल फिटनेस, सही कोर्स और लाइसेंस शामिल हैं।
भारत में पायलट बनने के दो मुख्य रास्ते हैं:
- कॉमर्शियल पायलट (Commercial Pilot) – एयरलाइंस या चार्टर फ्लाइट उड़ाने वाले।
- एयर फ़ोर्स पायलट (Air Force Pilot) – भारतीय वायुसेना के फाइटर/ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाने वाले।
दोनों के लिए नियम अलग-अलग हैं लेकिन बेसिक तैयारी (जैसे 12वीं PCM, मेडिकल टेस्ट, ट्रेनिंग) लगभग समान होती है।
पायलट बनने का सपना क्यों खास है?

पायलट का करियर सिर्फ नौकरी नहीं बल्कि एक प्रतिष्ठा और जिम्मेदारी है। बहुत से युवा पायलट बनने का सपना इसलिए देखते हैं क्योंकि यह करियर रोमांचक, एडवेंचरस और सम्मान से भरा होता है।
Also Read:- पायलट बनने के लिए आवश्यक योग्यता, शिक्षा, कोर्स और सैलरी की पूरी जानकारी
1. आसमान में उड़ान का अनुभव
ज़्यादातर लोग ज़िंदगी भर हवाई जहाज़ में सिर्फ यात्री बनकर बैठते हैं, लेकिन पायलट वही शख्स होता है जो हवाई जहाज़ को कंट्रोल करता है और आसमान में उड़ान भरता है। यह अनुभव बेहद अनोखा और रोमांचक होता है।
2. उच्च सैलरी और करियर ग्रोथ
कॉमर्शियल पायलट को भारत में शुरुआती स्तर पर ही लाखों रुपये की सैलरी मिलती है। एयरलाइन कंपनियों के साथ अनुभव बढ़ने पर यह सैलरी कई गुना बढ़ जाती है।
3. सम्मान और प्रतिष्ठा
पायलट को समाज में एक अलग ही सम्मान मिलता है। एयरलाइन हो या एयर फ़ोर्स, दोनों जगह पायलट को जिम्मेदार और प्रतिष्ठित पद माना जाता है।
4. महिला उम्मीदवारों के लिए अवसर
आज के समय में महिलाएँ भी बड़ी संख्या में पायलट बन रही हैं। भारत में एयरलाइंस और एयर फ़ोर्स दोनों ही महिला उम्मीदवारों को बराबर अवसर देते हैं।
5. करियर विकल्प
पायलट बनने के बाद सिर्फ एयरलाइंस ही नहीं बल्कि चार्टर प्लेन, कार्गो एयरलाइंस, ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर, और डिफेंस सेक्टर में भी कई करियर विकल्प मौजूद हैं।
पायलट बनने के लिए न्यूनतम योग्यता (Eligibility)
पायलट बनने के लिए सिर्फ सपना देखना काफी नहीं है, बल्कि कुछ न्यूनतम पात्रता शर्तें (Eligibility Criteria) भी पूरी करनी होती हैं। ये शर्तें हर छात्र/छात्रा के लिए समान होती हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं।
शैक्षिक योग्यता (Education Qualification)
- आपको 12वीं कक्षा (Intermediate) फिजिक्स और मैथ्स विषय के साथ पास करनी होती है।
- कम से कम 50% से 60% अंक आवश्यक होते हैं (यह संस्थान और कोर्स के अनुसार बदल सकता है)।
- अगर किसी ने कॉमर्स या आर्ट्स से पढ़ाई की है, तो वह DGCA (Directorate General of Civil Aviation) की ब्रिज कोर्स के जरिए भी पायलट ट्रेनिंग जॉइन कर सकता है, लेकिन PCM अनिवार्य है।
उम्र सीमा (Age Limit)
- प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL) के लिए न्यूनतम उम्र: 17 साल।
- कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) के लिए न्यूनतम उम्र: 18 साल।
- अधिकतम उम्र एयरलाइन और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के अनुसार तय होती है, लेकिन सामान्यतः 32–35 साल तक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।
- एयर फ़ोर्स पायलट के लिए उम्र सीमा 16.5 से 24 साल (एंट्री स्कीम के अनुसार) होती है।
मेडिकल फिटनेस (Medical Fitness)
- DGCA और एयर फ़ोर्स, दोनों के लिए Class 1 Medical Test क्लियर करना ज़रूरी है।
- इसमें आपकी आँखों की रोशनी, सुनने की क्षमता, हाइट और बॉडी फिटनेस चेक की जाती है।
- पायलट बनने के लिए 6/6 विज़न (चश्मा/लेंस के साथ भी) होना ज़रूरी है।
- दिल, ब्लड प्रेशर और शरीर की अन्य मेडिकल कंडीशन भी टेस्ट की जाती हैं।
महिला पायलट कैसे बनें?
आज के समय में महिलाओं के लिए पायलट बनना उतना ही आसान है जितना कि पुरुषों के लिए। भारत उन देशों में से एक है जहाँ महिला पायलटों की संख्या विश्व स्तर पर सबसे अधिक है। यहाँ महिलाएँ न सिर्फ़ कॉमर्शियल एयरलाइंस बल्कि एयर फ़ोर्स में भी पायलट बनकर करियर बना रही हैं।
महिलाओं के लिए जरूरी योग्यताएँ
- शैक्षिक योग्यता, उम्र सीमा और मेडिकल फिटनेस के नियम लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए समान हैं।
- 12वीं कक्षा में Physics और Maths विषय अनिवार्य है।
- DGCA (Directorate General of Civil Aviation) से Class 1 Medical Certificate ज़रूरी है।
लड़कियों के लिए करियर स्कोप
- कॉमर्शियल पायलट: महिलाएँ एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, विस्तारा जैसी बड़ी एयरलाइंस में कॉमर्शियल पायलट के रूप में काम कर सकती हैं।
- एयर फ़ोर्स पायलट: अब भारतीय वायुसेना में भी महिलाओं को फाइटर पायलट बनने का अवसर दिया जा रहा है। कई महिला अफ़सर आज सफलतापूर्वक लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं।
- चार्टर और प्राइवेट जेट: महिला पायलट प्राइवेट कंपनियों और बिजनेस चार्टर फ्लाइट्स में भी काम कर सकती हैं।
- फ्लाइट इंस्ट्रक्टर: अनुभव हासिल करने के बाद महिलाएँ फ्लाइंग स्कूल में ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर भी बन सकती हैं।
12वीं के बाद लड़कियां पायलट कैसे बन सकती हैं?

यदि आप 12वीं पास हैं और सपना देख रही हैं कि आप पायलट बनें, तो इसके लिए आपको कुछ स्टेप्स फॉलो करने होंगे। लड़कियों के लिए पायलट बनना अब उतना ही आसान है जितना लड़कों के लिए।
1. 12वीं में कौन-सा विषय जरूरी है
- Physics, Chemistry और Maths (PCM) विषय 12वीं में होना ज़रूरी है।
- कम से कम 50% अंक के साथ पास होना चाहिए।
- अगर कोई छात्रा कॉमर्स या आर्ट्स से आई है, तो DGCA-approved bridge courses के जरिए भी पायलट ट्रेनिंग में प्रवेश लिया जा सकता है, लेकिन PCM होना सर्वोत्तम है।
2. सही पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चुनना
- इंडिया में कई DGCA-approved Flying Schools हैं जैसे:
- Indira Gandhi Institute of Aeronautics, Pune
- Rajiv Gandhi Academy for Aviation Technology, Kerala
- National Flying Training Institute, Gondia
- महिला छात्रों के लिए कुछ संस्थान विशेष छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप भी प्रदान करते हैं।
3. प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL)
- सबसे पहले PPL (Private Pilot License) कोर्स किया जाता है।
- इसमें 40–60 फ्लाइट घंटे की ट्रेनिंग होती है।
- यह शुरुआती स्तर का लाइसेंस है जो आपको हवाई जहाज़ उड़ाने का बेसिक अनुभव देता है।
4. कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL)
- PPL के बाद CPL (Commercial Pilot License) कोर्स करना होता है।
- इसमें लगभग 200–250 फ्लाइट घंटे की ट्रेनिंग होती है।
- DGCA की परीक्षा पास करना ज़रूरी है।
5. मेडिकल फिटनेस और DGCA एग्ज़ाम
- Class 1 Medical Certificate लेना अनिवार्य है।
- DGCA written और flying test पास करने के बाद ही CPL मिलती है।
6. फ्लाइंग अनुभव (Flying Hours)
- एयरलाइंस में जॉइन करने के लिए कम से कम 250–300 फ्लाइट घंटे ज़रूरी हैं।
- अधिक अनुभव होने से बड़े एयरलाइंस में प्लेसमेंट आसानी से मिल जाता है।
पायलट बनने के लिए कौन-सा कोर्स करना पड़ता है?
पायलट बनने के लिए सही कोर्स चुनना बहुत ज़रूरी है। इंडिया में पायलट बनने के लिए DGCA (Directorate General of Civil Aviation) द्वारा मान्यता प्राप्त कोर्स ही मान्य होते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं।
1. प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL – Private Pilot License)
- यह पायलट बनने की पहली ट्रेनिंग है।
- इसके तहत आपको लगभग 40–60 घंटे की फ्लाइट ट्रेनिंग दी जाती है।
- PPL लेने के बाद आप हवाई जहाज़ को व्यक्तिगत रूप से उड़ाने में सक्षम हो जाते हैं।
- PPL केवल शुरुआती स्तर का लाइसेंस है; इसके बाद CPL करना अनिवार्य है।
2. कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL – Commercial Pilot License)
- CPL पायलट बनने का मुख्य कोर्स है।
- इसमें लगभग 200–250 घंटे की फ्लाइट ट्रेनिंग और एयरलाइंस ऑपरेशन की ट्रेनिंग दी जाती है।
- DGCA की written और flying परीक्षा पास करने के बाद CPL प्राप्त होती है।
- CPL के बाद आप एयरलाइंस या चार्टर फ्लाइट में जॉब कर सकते हैं।
3. एयर फ़ोर्स पायलट कोर्स
- अगर आप भारतीय वायुसेना में पायलट बनना चाहती हैं, तो आपको NDA, CDS या AFCAT एग्ज़ाम पास करना होगा।
- एयर फ़ोर्स में ट्रेनिंग IAC (Air Force Academy) में होती है।
- इसमें फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर पायलट ट्रेनिंग दी जाती है।
4. DGCA एग्ज़ाम और मेडिकल टेस्ट
- CPL या PPL के लिए DGCA एग्ज़ाम पास करना ज़रूरी है।
- मेडिकल फिटनेस Class 1 या Class 2 के अनुसार अनिवार्य होती है।
5. स्पेशलाइजेशन कोर्स
- कुछ पायलट Night Flying, Instrument Rating, Multi-Engine Rating जैसे स्पेशलाइजेशन भी करते हैं।
- यह आपके करियर में एडवांस स्कोप और एयरलाइन में अच्छी जॉब पाने में मदद करता है।
पायलट बनने की ट्रेनिंग कितने साल की होती है?
पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग की अवधि कोर्स और किस रास्ते से आप पायलट बन रहे हैं, इस पर निर्भर करती है। आम तौर पर इसमें 3–5 साल का समय लगता है। आइए विस्तार से समझते हैं।
1. प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL) ट्रेनिंग
- PPL कोर्स लगभग 6 महीने से 1 साल में पूरा किया जा सकता है।
- इसमें फ्लाइट ट्रेनिंग के अलावा, एयर लॉ, नेविगेशन, मेट्रोलॉजी जैसी थीओरेटिकल पढ़ाई होती है।
2. कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) ट्रेनिंग
- CPL कोर्स पूरा करने में लगभग 1.5 से 2 साल लगते हैं।
- इसमें आपको 200–250 फ्लाइट घंटे पूरे करने होते हैं।
- CPL लेने के बाद एयरलाइन में जॉइन करने से पहले Type Rating और Simulator Training भी करनी पड़ सकती है।
3. एयर फ़ोर्स पायलट ट्रेनिंग
- एयर फ़ोर्स में पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग 3–4 साल की होती है।
- इसमें शुरुआती ट्रेनिंग (Basic Flying Training), Intermediate Flying Training और Advanced Flying Training शामिल है।
- फ्लाइंग के साथ-साथ Physical Fitness, Leadership और Military Training भी दी जाती है।
4. कुल समय
- कॉमर्शियल एयरलाइन पायलट बनने के लिए 12वीं के बाद लगभग 3–4 साल का समय लगता है।
- एयर फ़ोर्स पायलट बनने के लिए 4 साल का rigorous training program होता है।
हवाई जहाज चलाने के लिए कौन-सी पढ़ाई करनी पड़ती है?
पायलट बनने के लिए सिर्फ उड़ान का सपना देखना काफी नहीं है। इसके लिए सटीक पढ़ाई और ट्रेनिंग जरूरी है। नीचे पूरी जानकारी दी जा रही है।
1. स्कूल लेवल पढ़ाई
- 12वीं कक्षा में Physics, Chemistry और Mathematics (PCM) होना अनिवार्य है।
- ये विषय आपको एरोडायनामिक्स, नेविगेशन और फ्लाइट मैकेनिक्स समझने में मदद करते हैं।
2. फिजिकल और मानसिक पढ़ाई
- पायलट बनने के लिए शारीरिक फिटनेस बेहद जरूरी है।
- आपको तंदुरुस्त हृदय, अच्छी eyesight, तेज़ रिफ्लेक्स और मानसिक सतर्कता चाहिए।
- इसके लिए कुछ संस्थान Fitness और Reflex Training भी करवाते हैं।
3. फ्लाइट ट्रेनिंग के दौरान पढ़ाई
- DGCA या एयर फ़ोर्स ट्रेनिंग के दौरान आपको Air Law, Meteorology, Navigation, Aircraft Systems, Human Performance जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
- इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों शामिल होते हैं।
4. सिम्युलेटर और हाइब्रिड ट्रेनिंग
- पायलट ट्रेनिंग में Flight Simulator Training भी शामिल होती है।
- यह आपको वास्तविक फ्लाइट में आने वाली परिस्थितियों का अनुभव देता है और इमरजेंसी में निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाता है।
5. एडवांस कोर्स और स्पेशलाइजेशन
- CPL के बाद आप Night Flying, Instrument Rating, Multi-Engine Rating जैसी एडवांस पढ़ाई कर सकते हैं।
- ये आपको एयरलाइन या एयर फ़ोर्स में जॉब पाने में मदद करते हैं।
इंडिया में गर्ल पायलट कैसे बनें?
भारत में महिलाओं के लिए पायलट बनने के मौके पहले की तुलना में अब बहुत बढ़ गए हैं। एयरलाइंस और एयर फ़ोर्स दोनों ही क्षेत्रों में महिला उम्मीदवारों को बराबरी का अवसर मिलता है।
1. शिक्षा और योग्यताएँ
- 12वीं में Physics और Maths होना ज़रूरी है।
- न्यूनतम अंक लगभग 50% होने चाहिए।
- DGCA से Class 1 Medical Certificate लेना अनिवार्य है।
2. सही ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चुनें
- इंडिया में कई DGCA-approved Flying Schools हैं:
- Indira Gandhi Institute of Aeronautics, Pune
- Rajiv Gandhi Academy for Aviation Technology, Kerala
- National Flying Training Institute, Gondia
- महिला छात्रों के लिए कुछ स्कूल Scholarship और विशेष सुविधाएँ भी देते हैं।
3. प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL)
- सबसे पहले PPL कोर्स करना होता है।
- इसमें 40–60 फ्लाइट घंटे की ट्रेनिंग दी जाती है।
- PPL लेने के बाद आप हवाई जहाज़ उड़ाने का बेसिक अनुभव प्राप्त कर लेती हैं।
4. कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL)
- PPL के बाद CPL कोर्स किया जाता है।
- इसमें 200–250 फ्लाइट घंटे की ट्रेनिंग होती है।
- DGCA written और flying परीक्षा पास करना ज़रूरी है।
5. एयरलाइन या चार्टर जॉब
- CPL मिलने के बाद आप एयरलाइंस में कॉमर्शियल पायलट के रूप में जॉब कर सकती हैं।
- अनुभव के साथ बड़ी एयरलाइंस में नौकरी और बेहतर सैलरी मिलती है।
6. स्पेशलाइजेशन
- Night Flying, Instrument Rating और Multi-Engine Rating जैसे कोर्स करके आप अपने करियर में आगे बढ़ सकती हैं।
एयर फ़ोर्स पायलट कैसे बनें? (महिलाओं के लिए)
भारतीय वायुसेना में महिलाओं के लिए पायलट बनने का सपना अब पूरी तरह हकीकत बन चुका है। अब लड़कियाँ भी फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर पायलट बन सकती हैं।
1. योग्यताएँ (Eligibility)
- शैक्षिक योग्यता: 12वीं पास (Physics और Maths) या ग्रेजुएशन।
- उम्र सीमा: AFCAT/SSB एंट्री के अनुसार 16.5–24 साल।
- मेडिकल फिटनेस: Air Force Class 1 Medical परीक्षा पास करनी होगी।
2. एयर फ़ोर्स जॉइन करने की प्रक्रिया
महिला उम्मीदवार एयर फ़ोर्स में पायलट बनने के लिए मुख्य रूप से तीन एंट्री स्कीम के माध्यम से जा सकती हैं:
A. NDA (National Defence Academy)
- केवल ग्रेजुएशन के बाद जॉइन किया जा सकता है।
- इसमें फिजिकल टेस्ट, लिखित एग्ज़ाम और SSB इंटरव्यू शामिल हैं।
B. CDS (Combined Defence Services)
- ग्रेजुएशन करने के बाद CDS एग्ज़ाम पास करना ज़रूरी है।
- इसके बाद SSB इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट क्लियर करना होता है।
C. AFCAT (Air Force Common Admission Test)
- ग्रेजुएशन के बाद सीधे AFCAT एग्ज़ाम से पायलट स्कीम में आवेदन किया जा सकता है।
- इसके बाद SSB और मेडिकल टेस्ट।
3. SSB इंटरव्यू
- SSB (Services Selection Board) इंटरव्यू में लीडरशिप, पर्सनालिटी और मानसिक क्षमता चेक की जाती है।
- यह प्रक्रिया लगभग 5–6 दिन की होती है।
4. ट्रेनिंग (Training)
- एयर फ़ोर्स में चुने जाने के बाद Air Force Academy (IAC) में 3–4 साल की ट्रेनिंग होती है।
- इसमें Basic Flying, Intermediate Flying और Advanced Flying शामिल है।
- फ्लाइट ट्रेनिंग के साथ फिजिकल फिटनेस और मिलिट्री ट्रेनिंग भी होती है।
5. करियर स्कोप
- फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में महिला अफ़सर अपनी सेवा शुरू करती हैं।
- अनुभव और समय के साथ उन्हें Wing Commander और Group Captain जैसे उच्च पदों पर प्रमोशन मिलता है।
पायलट बनने की प्रक्रिया स्टेप-बाय-स्टेप
पायलट बनने के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया होती है, जिसे फॉलो करके आप आसानी से अपना सपना पूरा कर सकती हैं।
स्टेप 1: 12वीं पास करें (PCM)
- Physics, Chemistry और Maths विषय के साथ 12वीं पास करना अनिवार्य है।
- कम से कम 50% अंक आवश्यक हैं।
स्टेप 2: सही पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चुनें
- इंडिया में कई DGCA-approved Flying Schools हैं।
- महिला छात्रों के लिए कुछ स्कूल Scholarship और सुरक्षा सुविधाएँ भी प्रदान करते हैं।
स्टेप 3: प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL)
- शुरुआती स्तर की ट्रेनिंग जिसमें 40–60 फ्लाइट घंटे शामिल हैं।
- हवाई जहाज़ उड़ाने का बेसिक अनुभव मिलता है।
स्टेप 4: कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL)
- 200–250 फ्लाइट घंटे की ट्रेनिंग।
- DGCA written और flying परीक्षा पास करना अनिवार्य।
- CPL मिलने के बाद आप एयरलाइंस या चार्टर फ्लाइट में जॉब कर सकती हैं।
स्टेप 5: एयरलाइन Type Rating / एयर फ़ोर्स ट्रेनिंग
- एयरलाइन में जॉइन करने के लिए Type Rating की ट्रेनिंग।
- एयर फ़ोर्स के लिए Advanced Flying और Military Training।
स्टेप 6: फ्लाइंग अनुभव बढ़ाएँ
- एयरलाइन में जॉइन करने से पहले कम से कम 250–300 फ्लाइट घंटे पूरे करना ज़रूरी है।
- अनुभव बढ़ने पर बड़ी एयरलाइंस और एडवांस स्कोप मिलते हैं।
स्टेप 7: करियर और प्रमोशन
- एयरलाइंस में सीनियर पायलट बनने के लिए अनुभव और ट्रेनिंग जरूरी।
- एयर फ़ोर्स में उच्च रैंक तक प्रमोशन होता है।
पायलट बनने का खर्च (Cost of Pilot Training)
पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग महंगी होती है, क्योंकि इसमें फ्लाइट घंटे, लाइसेंस फीस, सिम्युलेटर ट्रेनिंग और मेडिकल टेस्ट शामिल होते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं।
1. प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL)
- PPL कोर्स की लागत लगभग ₹10–15 लाख होती है।
- इसमें 40–60 फ्लाइट घंटे की ट्रेनिंग और DGCA फीस शामिल होती है।
2. कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL)
- CPL कोर्स का खर्च लगभग ₹25–40 लाख तक होता है।
- इसमें 200–250 फ्लाइट घंटे, सिम्युलेटर ट्रेनिंग और DGCA परीक्षा शुल्क शामिल है।
3. एयर फ़ोर्स पायलट ट्रेनिंग
- एयर फ़ोर्स में ट्रेनिंग सरकारी फंडेड होती है।
- इसमें फीस नहीं लगती, बल्कि आपको सैलरी और स्टाइपेंड भी मिलता है।
- ट्रेनिंग के दौरान महिला और पुरुष उम्मीदवारों को पूरी सुविधा और मेडिकल सपोर्ट मिलता है।
4. अतिरिक्त खर्च
- किताबें, एडवांस सिम्युलेटर ट्रेनिंग, accommodation और transport अलग से खर्च हो सकते हैं।
- एयरलाइन जॉइन करने के बाद Type Rating या Multi-Engine Rating का खर्च भी लगभग ₹10–15 लाख हो सकता है।
5. स्कॉलरशिप और लोन विकल्प
- कई flying schools महिलाओं के लिए Scholarship और Education Loan प्रदान करते हैं।
- बैंक से Education Loan लेकर भी ट्रेनिंग पूरी की जा सकती है।
पायलट बनने के बाद करियर विकल्प और सैलरी
पायलट बनने के बाद आपके पास कई करियर विकल्प और अच्छी सैलरी मिलने की संभावनाएँ होती हैं। यह क्षेत्र प्रतिष्ठा, रोमांच और वित्तीय सुरक्षा दोनों प्रदान करता है।
1. कॉमर्शियल एयरलाइन पायलट
- एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, विस्तारा जैसी एयरलाइंस में जॉब।
- शुरुआती सैलरी लगभग ₹1.5–2 लाख प्रति माह होती है।
- अनुभव और फ्लाइट घंटे बढ़ने पर सैलरी ₹5 लाख प्रति माह या उससे अधिक भी हो सकती है।
2. चार्टर और प्राइवेट जेट पायलट
- बिज़नेस जेट्स और प्राइवेट चार्टर कंपनियों में पायलट।
- फ्लेक्सिबल टाइम और एडवांस ट्रेनिंग के साथ अच्छी सैलरी।
3. एयर फ़ोर्स पायलट
- भारतीय वायुसेना में फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर पायलट।
- शुरुआत में Flying Officer की सैलरी लगभग ₹56,000–₹60,000 प्रति माह।
- अनुभव और प्रमोशन के साथ सैलरी लाखों में पहुँच जाती है।
- फुल सरकारी बेनेफिट, पेंशन और स्वास्थ्य सुविधा भी मिलती है।
4. फ्लाइट इंस्ट्रक्टर
- अनुभव बढ़ने के बाद Flying School या Aviation Academy में इंस्ट्रक्टर।
- सैलरी लगभग ₹1–2 लाख प्रति माह और ट्रेनिंग अनुभव मिलता है।
5. स्पेशलाइजेशन और एडवांस रोल
- Multi-Engine Rating, Instrument Rating और Night Flying से एडवांस जॉब अवसर।
- International Airlines में जॉब पाने के लिए भी अवसर बढ़ जाते हैं।
6. अन्य विकल्प
- Aviation Consultancy, Aircraft Testing, Cargo Operations।
- Women Pilots के लिए विशेष स्कॉलरशिप और कॉर्पोरेट अवसर।
FAQs (Frequently Asked Questions)
1. पायलट बनने के लिए कितनी फीस लगती है?
- CPL कोर्स का खर्च लगभग ₹25–40 लाख होता है। PPL समेत कुल खर्च ₹35–50 लाख तक हो सकता है।
- एयर फ़ोर्स पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग सरकारी फंडेड होती है।
2. इंडिया में महिला पायलट की सैलरी कितनी होती है?
- एयरलाइंस में शुरुआती सैलरी ₹1.5–2 लाख/माह, अनुभव बढ़ने पर ₹5 लाख या उससे अधिक।
- एयर फ़ोर्स पायलट के लिए शुरुआती सैलरी ₹56,000–₹60,000/माह।
3. एयर फ़ोर्स जॉइन करने के लिए क्या लड़कियों को मौका मिलता है?
- हाँ, महिला उम्मीदवार अब फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर पायलट बन सकती हैं।
- AFCAT/CDS/NDA के माध्यम से एंट्री होती है।
4. क्या कॉमर्स या आर्ट्स की स्टूडेंट पायलट बन सकती हैं?
- सामान्य रूप से PCM (Physics, Chemistry, Maths) होना चाहिए।
- Bridge courses के जरिए कुछ Flying Schools आर्ट्स/कॉमर्स स्टूडेंट्स को भी ट्रेनिंग देते हैं।
5. पायलट बनने के लिए कौन-सा एग्ज़ाम पास करना पड़ता है?
- कॉमर्शियल पायलट: DGCA Written और Flying Test।
- एयर फ़ोर्स पायलट: AFCAT / CDS / NDA + SSB इंटरव्यू।
Watch The Video:- क्या आप पायलट बनना चाहती हैं? कितना खर्च आता है? By BBC Hindi