मुहूर्त ट्रेडिंग भारतीय शेयर बाजार की एक खास परंपरा है जो दिवाली के दिन आयोजित की जाती है। इस दिन निवेशक और ट्रेडर्स शुभ मुहूर्त में ट्रेडिंग करते हैं ताकि आने वाले साल में उनके निवेश को समृद्धि और सफलता मिले।
यह परंपरा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों में साल में केवल एक घंटे के लिए होती है। इसे “लक्ष्मी पूजा” के अवसर पर धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करने का प्रतीक माना जाता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग को भारतीय निवेश संस्कृति में शुभ शुरुआत (Auspicious Beginning) के रूप में देखा जाता है इसलिए कई लोग इस दिन नई खरीद या निवेश की शुरुआत करते हैं, चाहे वह शेयर, गोल्ड, या म्यूचुअल फंड हो।
मुहूर्त ट्रेडिंग का अर्थ और इतिहास (Meaning and History of Muhurat Trading)
मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार में कई दशक पहले हुई थी। यह परंपरा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा लगभग 1957 में शुरू की गई थी और बाद में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने भी इसे अपनाया।
“मुहूर्त” शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है शुभ समय। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के समय को अत्यंत शुभ माना जाता है। इसी कारण शेयर बाजार इस समय को संपत्ति निर्माण की शुरुआत का प्रतीक मानकर एक घंटे के लिए खोलता है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया निवेश पूरे वर्ष के लिए समृद्धि और सौभाग्य लाता है। यही कारण है कि हर साल लाखों निवेशक इस दिन छोटे या बड़े स्तर पर कुछ न कुछ निवेश जरूर करते हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग 2025 की तारीख और समय (Muhurat Trading 2025 Date and Time)

मुहूर्त ट्रेडिंग 2025 में मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 को आयोजित की जाएगी। यह विशेष ट्रेडिंग सत्र दिवाली (लक्ष्मी पूजा) के अवसर पर हर साल आयोजित होता है, जिसे हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 की शुभ शुरुआत माना जाता है।
इस दिन सामान्य ट्रेडिंग बंद रहती है, लेकिन निवेशकों को एक घंटे के लिए विशेष “मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन” की अनुमति होती है। यह सेशन विशेष रूप से शुभ निवेश के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
नीचे इस वर्ष के अनुमानित समय दिए गए हैं:
- प्री-ओपन सत्र: दोपहर 1:30 बजे से 1:45 बजे तक
- मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र: दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक
- पोस्ट-क्लोजिंग (संशोधन समय): लगभग 2:55 बजे तक
नोट: NSE और BSE हर साल दिवाली से कुछ दिन पहले इन समयों की आधिकारिक पुष्टि करते हैं, इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे उस समय तक अपडेट रहें।
दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग क्यों होती है?
दिवाली हिंदू कैलेंडर में धन और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और व्यापारी अपनी “बहीखाता” या नया वित्तीय वर्ष शुरू करते हैं। इसी कारण से शेयर बाजार भी इस शुभ समय पर एक घंटे के लिए खोला जाता है, ताकि निवेशक नए साल की शुरुआत “शुभ लाभ” से कर सकें।
21 अक्टूबर को मुहूर्त ट्रेडिंग क्यों है?
2025 में दिवाली का पर्व 21 अक्टूबर (मंगलवार) को मनाया जाएगा। इसलिए उसी दिन NSE और BSE दोनों में यह विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया जाएगा। यह तारीख हर साल दिवाली की तिथि के अनुसार बदलती रहती है, किसी फिक्स दिन पर नहीं होती।
क्या शेयर बाजार दिवाली पर खुला होता है? (Is Stock Market Open on Diwali?)
दिवाली भारत का एक प्रमुख त्योहार है और इस दिन अधिकांश सरकारी और निजी कार्यालय बंद रहते हैं। इसी तरह, शेयर बाजार भी इस दिन सामान्य रूप से बंद रहता है।
लेकिन, मुहूर्त ट्रेडिंग के समय बाजार विशेष रूप से खोला जाता है। इसका मतलब है कि:
- सामान्य ट्रेडिंग नहीं होती – यानी पूरे दिन लिस्टेड स्टॉक्स और इंडेक्स ट्रेड नहीं करेंगे।
- केवल मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के दौरान ट्रेडिंग संभव है – यह आमतौर पर 1 घंटे का विशेष सत्र होता है।
क्यों बाजार दिवाली पर सामान्य रूप से बंद रहता है?
- त्योहार की परंपरा: दिवाली पर व्यापारिक संस्थान और बैंक बंद रहते हैं।
- शुभ शुरुआत: बाजार को मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए केवल एक छोटा सेशन ही खोलना निवेशकों के लिए शुभ संकेत माना जाता है।
- साल की शुरुआत: यह नए वित्तीय वर्ष के शुभ अवसर का प्रतीक भी है।
ध्यान दें: अगर दिवाली रविवार या कोई अन्य छुट्टी के साथ पड़ती है, तो बाजार संपूर्ण दिन बंद रहेगा और मुहूर्त ट्रेडिंग का सत्र उसी दिन निर्धारित समय पर होगा।
मुहूर्त ट्रेडिंग कितनी देर की होती है? (How Long Does Muhurat Trading Last?)
मुहूर्त ट्रेडिंग का सत्र आमतौर पर सिर्फ एक घंटे का होता है, जो दिवाली के दिन आयोजित किया जाता है। इस दौरान शेयर बाजार विशेष रूप से खोलता है, जबकि पूरे दिन सामान्य ट्रेडिंग बंद रहती है।
मुहूर्त ट्रेडिंग का समय 2025 में:
- प्री-ओपन सत्र: 1:30 PM – 1:45 PM
- मुख्य मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र: 1:45 PM – 2:45 PM
- पोस्ट-क्लोजिंग/समायोजन समय: 2:55 PM तक
क्यों सिर्फ एक घंटा?
- शुभ मुहूर्त का ध्यान: हिन्दू परंपरा में शुभ समय सीमित माना जाता है।
- संक्षिप्त ट्रेडिंग: यह निवेशकों के लिए शुभ आरंभ का प्रतीक है, न कि लंबी ट्रेडिंग का अवसर।
- परंपरा का हिस्सा: वर्षों से यह परंपरा एक घंटे के विशेष सत्र के रूप में चली आ रही है।
इस एक घंटे के दौरान निवेशक शेयर, एफ एंड ओ, म्यूचुअल फंड आदि में ट्रेडिंग कर सकते हैं, लेकिन ट्रेड का उद्देश्य आमतौर पर लाभ कमाना नहीं बल्कि शुभ निवेश करना माना जाता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग में खरीदना या बेचना क्या बेहतर है? (Is it Good to Buy or Sell in Muhurat Trading?)

मुहूर्त ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य शुभ निवेश और नए साल की सकारात्मक शुरुआत करना होता है। इसलिए कई विशेषज्ञ इसे लंबी अवधि के निवेश के लिए खरीदारी का अच्छा अवसर मानते हैं, बजाय कि केवल शॉर्ट-टर्म लाभ के लिए बिक्री का।
क्या मैं मुहूर्त ट्रेडिंग पर बेच सकता हूं?
हाँ, आप बेच भी सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इस दिन ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य लाभ कमाना नहीं बल्कि शुभ शुरुआत करना होता है। इसलिए अधिकांश निवेशक खरीदारी पर फोकस करते हैं।
क्या मुहूर्त ट्रेडिंग हमेशा बुलिश होती है?
- ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन बाजार में हल्का बुलिश ट्रेंड रहता है।
- इसका कारण यह है कि निवेशक शुभ निवेश की भावना से शेयर खरीदते हैं।
- लेकिन यह बुलिशनेस हमेशा गारंटीकृत नहीं होती, इसलिए निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
निवेशक के लिए सुझाव:
- लंबी अवधि के लिए सोचें: इस दिन खरीदे गए शेयर अक्सर शुभ प्रतीक और लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए होते हैं।
- शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग सीमित करें: इंट्राडे या दिन भर की तेजी पर फोकस न करें।
- म्यूचुअल फंड और एफ एंड ओ विकल्प: यदि आप अनुभवी हैं, तो म्यूचुअल फंड या ऑप्शन ट्रेडिंग भी कर सकते हैं, लेकिन केवल सीमित जोखिम के साथ।
मुहूर्त ट्रेडिंग में क्या ट्रेड किया जा सकता है? (What Can You Trade During Muhurat Session?)
मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेशक विभिन्न प्रकार के वित्तीय साधनों में ट्रेड कर सकते हैं। हालांकि, इस दिन ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य शुभ निवेश और शुभ शुरुआत होता है, इसलिए निवेशक आमतौर पर लंबी अवधि के लिए खरीदारी करते हैं।
1. स्टॉक्स (Shares)
- अधिकांश निवेशक इस दिन शेयर खरीदते हैं।
- ऐतिहासिक रूप से देखा गया है कि बाजार में हल्का बुलिश ट्रेंड होता है।
- निवेशक छोटे या बड़े शेयर, दोनों में निवेश कर सकते हैं।
2. एफ एंड ओ (F&O / Options & Futures)
- अनुभवी निवेशक फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
- ध्यान रखें कि यह उच्च जोखिम वाला विकल्प है, इसलिए केवल अनुभवी निवेशक ही इसे करें।
- सभी F&O स्टॉक्स इस दिन उपलब्ध नहीं हो सकते, कुछ सीमित विकल्प ही खुलते हैं।
3. म्यूचुअल फंड (Mutual Funds)
- इस दिन म्यूचुअल फंड में निवेश भी संभव है।
- यह विकल्प उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो लंबी अवधि का निवेश चाहते हैं।
4. इंट्राडे (Intraday Trading)
- आमतौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग भी की जा सकती है, लेकिन यह अनुभवी निवेशकों के लिए है।
- ध्यान दें कि दिनभर की ट्रेडिंग की बजाय एक घंटे के विशेष सत्र में ही ट्रेडिंग संभव है।
5. गोल्ड और अन्य निवेश
- कुछ निवेशक गोल्ड ETF या अन्य डिजिटल निवेश का उपयोग भी मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान करते हैं।
- यह शुभ संकेत के लिए किया जाता है, लाभ कमाना प्राथमिक उद्देश्य नहीं होता।
नोट: मुहूर्त ट्रेडिंग का मुख्य मकसद शुभ निवेश है, इसलिए अत्यधिक जोखिम लेने से बचें और लंबी अवधि के लिए सोचें।
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क्या मुहूर्त ट्रेडिंग में कोई ब्रोकरेज नहीं लगता? (Is There No Brokerage in Muhurat Trading?)
मुहूर्त ट्रेडिंग का एक और आकर्षण यह है कि अधिकांश ब्रोकरेज फर्म इस दिन ट्रेडिंग पर विशेष ऑफर देती हैं। कई बार निवेशकों को शेयर खरीदने और बेचने पर कोई या न्यूनतम ब्रोकरेज दिया जाता है।
मुख्य बातें:
- ब्रोकरेज शून्य या कम हो सकता है:
- कुछ ब्रोकर इस दिन केवल शुभ निवेश के लिए मुफ्त ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं।
- यह हमेशा हर ब्रोकर पर लागू नहीं होता, इसलिए पहले अपने ब्रोकर की जानकारी लेना जरूरी है।
- मुख्य उद्देश्य:
- मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेशकों को शुभ शुरुआत का अनुभव देना है।
- इसलिए ब्रोकरेज शुल्क कम या शून्य रखना निवेशकों के लिए एक अतिरिक्त लाभ माना जाता है।
- नियमित ट्रेडिंग के नियम लागू नहीं:
- सामान्य दिनों की तरह कमिशन या चार्जेस पूरे दिन लागू नहीं होते।
- यह केवल मुहूर्त ट्रेडिंग के विशेष सत्र तक सीमित होता है।
ध्यान दें: यदि आप इस दिन F&O या म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो उनकी फीस अलग से लागू हो सकती है। हमेशा अपने ब्रोकर से पुष्टि करें।
मुहूर्त ट्रेडिंग खास क्यों मानी जाती है? (Why Muhurat Trading is Considered Auspicious?)
मुहूर्त ट्रेडिंग सिर्फ शेयर बाजार का एक ट्रेडिंग सत्र नहीं है, बल्कि यह एक शुभ परंपरा और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इसे खास मानने के पीछे कई कारण हैं:
1. शुभ शुरुआत का प्रतीक
- दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग को नए वित्तीय वर्ष की शुभ शुरुआत माना जाता है।
- निवेशक इस दिन शेयर, म्यूचुअल फंड या अन्य निवेश खरीदकर आने वाले साल में समृद्धि की कामना करते हैं।
2. लक्ष्मी पूजा से जुड़ा होना
- यह सत्र लक्ष्मी पूजा के समय आयोजित होता है।
- निवेशक मानते हैं कि इस दिन की गई निवेश गतिविधि आर्थिक समृद्धि और सफलता लाती है।
3. ऐतिहासिक और परंपरागत महत्व
- मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा 1957 से BSE और बाद में NSE में चल रही है।
- यह निवेशकों और व्यापारियों के बीच विश्वास और उत्साह बनाए रखने का माध्यम है।
4. सकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव
- इस दिन की ट्रेडिंग निवेशकों में आत्मविश्वास और सकारात्मकता बढ़ाती है।
- लोगों का मानना है कि शुभ समय में निवेश करने से लाभ और सौभाग्य दोनों बढ़ते हैं।
5. ज्योतिषीय महत्व
- कई निवेशक ज्योतिष और मुहूर्त के अनुसार निवेश करते हैं।
- ऐसे दिन का चयन करने से उन्हें विश्वास होता है कि उनका निवेश सुरक्षित और लाभकारी रहेगा।
संक्षेप में, मुहूर्त ट्रेडिंग का विशेष महत्व सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और मानसिक दृष्टि से भी है।
मुहूर्त ट्रेडिंग की रणनीति (Best Muhurat Trading Strategy)
मुहूर्त ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य शुभ निवेश और सकारात्मक शुरुआत करना है, इसलिए इस दिन ट्रेडिंग की रणनीति भी थोड़ी अलग होती है। सामान्य ट्रेडिंग की तरह ज्यादा जोखिम लेने की सलाह नहीं दी जाती।
1. लंबी अवधि के लिए निवेश करें
- इस दिन खरीदे गए शेयर अक्सर लंबी अवधि के निवेश के लिए बेहतर होते हैं।
- छोटे-छोटे शेयरों में शॉर्ट-टर्म लाभ लेने की बजाय ब्लू-चिप और स्थिर कंपनियों पर ध्यान दें।
2. इंट्राडे या ऑप्शन ट्रेडिंग में सावधानी
- अगर आप इंट्राडे या F&O में ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो जोखिम को सीमित रखें।
- केवल अनुभवी निवेशक ही इस विकल्प का उपयोग करें।
3. म्यूचुअल फंड का विकल्प
- लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशक म्यूचुअल फंड में SIP या lumpsum कर सकते हैं।
- यह शुभ अवसर के साथ-साथ भविष्य में सुरक्षित लाभ भी दे सकता है।
4. ब्रोकरेज और फीस की जानकारी रखें
- कुछ ब्रोकर इस दिन शून्य या न्यूनतम ब्रोकरेज ऑफर करते हैं।
- ट्रेडिंग से पहले ब्रोकर की शर्तें जरूर जांचें।
5. मानसिक दृष्टिकोण
- इस दिन का मुख्य उद्देश्य शुभ शुरुआत और सकारात्मक निवेश मनोवृत्ति है।
- निवेशकों को केवल लाभ पर ध्यान देने की बजाय सौभाग्य और लंबी अवधि की वृद्धि पर फोकस करना चाहिए।
सुझाव: मुहूर्त ट्रेडिंग में संयमित, सोच-समझ कर और शुभ अवसर के अनुसार निवेश करना सबसे सही रणनीति है।
मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेश के फायदे (Benefits of Investing on Muhurat Trading Day)
मुहूर्त ट्रेडिंग सिर्फ एक ट्रेडिंग सत्र नहीं है, बल्कि इसमें निवेश करने के कई फायदे हैं। यह निवेशकों के लिए धन, समृद्धि और शुभ शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
1. शुभ शुरुआत का लाभ
- दिवाली के दिन निवेश करना सकारात्मक मनोवृत्ति और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है।
- निवेशक इसे नए वित्तीय वर्ष की शुभ शुरुआत मानकर निवेश करते हैं।
2. ऐतिहासिक रूप से हल्का बुलिश ट्रेंड
- कई वर्षों के आंकड़ों के अनुसार मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन बाजार में हल्का बुलिश ट्रेंड देखा गया है।
- निवेशक मानते हैं कि यह दिन शेयर की कीमतों के बढ़ने का शुभ संकेत देता है।
3. लंबी अवधि के लिए सुरक्षित निवेश
- मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन खरीदी गई शेयर अक्सर लंबी अवधि में लाभकारी साबित होती हैं।
- यह निवेशक को धैर्य और स्थिरता के साथ निवेश करने की आदत भी सिखाता है।
4. न्यूनतम ब्रोकरेज या शुल्क लाभ
- कई ब्रोकर इस दिन निवेशकों को शून्य या कम शुल्क में ट्रेडिंग का अवसर देते हैं।
- यह निवेशक के लिए अतिरिक्त फायदे का अवसर बनाता है।
5. विविध विकल्पों में निवेश
- निवेशक इस दिन शेयर, F&O, म्यूचुअल फंड और गोल्ड ETF में निवेश कर सकते हैं।
- इसका उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं, बल्कि शुभ निवेश करना होता है।
6. मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक लाभ
- निवेशक इस दिन सकारात्मक सोच के साथ निवेश करते हैं।
- यह निवेशकों में आत्मविश्वास और वित्तीय सुरक्षा की भावना बढ़ाता है।
संक्षेप में, मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेश करना न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और मानसिक दृष्टि से भी लाभकारी माना जाता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग बनाम सामान्य ट्रेडिंग (Muhurat Trading vs Regular Trading)
मुहूर्त ट्रेडिंग और सामान्य ट्रेडिंग के बीच कुछ मुख्य अंतर होते हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं।
1. समय और अवधि
- सामान्य ट्रेडिंग: दिनभर चलती है (लगभग 9:15 AM – 3:30 PM IST)।
- मुहूर्त ट्रेडिंग: केवल एक घंटा या थोड़ा अधिक विशेष सत्र के लिए खुलती है।
2. उद्देश्य
- सामान्य ट्रेडिंग: लाभ कमाना मुख्य उद्देश्य है, निवेश रणनीति विविध होती है।
- मुहूर्त ट्रेडिंग: शुभ निवेश और नई शुरुआत का प्रतीक है, लाभ अपेक्षाकृत द्वितीयक होता है।
3. बाजार भावना
- सामान्य ट्रेडिंग: बाजार की दिशा आर्थिक, वैश्विक और कंपनी की खबरों पर निर्भर करती है।
- मुहूर्त ट्रेडिंग: निवेशक सकारात्मक और शुभ भाव के साथ खरीदारी करते हैं, इसलिए हल्का बुलिश ट्रेंड देखने को मिलता है।
4. ब्रोकरेज और फीस
- सामान्य ट्रेडिंग: ब्रोकरेज और शुल्क पूरी तरह लागू होते हैं।
- मुहूर्त ट्रेडिंग: कई ब्रोकर शून्य या कम ब्रोकरेज की सुविधा देते हैं।
5. ट्रेडिंग विकल्प
- सामान्य ट्रेडिंग: सभी शेयर, F&O, म्यूचुअल फंड और इंट्राडे ऑप्शंस उपलब्ध हैं।
- मुहूर्त ट्रेडिंग: अधिकांश स्टॉक्स उपलब्ध हैं, लेकिन विकल्प सीमित हो सकते हैं; मुख्य फोकस शेयर और शुभ निवेश पर होता है।
संक्षेप में, मुहूर्त ट्रेडिंग सांस्कृतिक और शुभ परंपरा पर आधारित होती है, जबकि सामान्य ट्रेडिंग पूरी तरह लाभ और बाजार की गतिविधियों पर केंद्रित होती है।
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