पायलट बनने के लिए आवश्यक योग्यता, शिक्षा, कोर्स और सैलरी की पूरी जानकारी

पायलट बनने के लिए आवश्यक योग्यता, शिक्षा, कोर्स और सैलरी की पूरी जानकारी

पायलट बनने का सपना बहुत से छात्रों का होता है। आसमान में उड़ते हवाई जहाज को देखकर अक्सर मन में यही सवाल आता है, आखिर पायलट कैसे बनते हैं? इसके लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है, कौन सा सब्जेक्ट लेना चाहिए, कितने परसेंट जरूरी होते हैं और क्या इसके लिए कोई बड़ी परीक्षा देनी पड़ती है?

मेरा नाम आदित्य है और आज मैं आपके साथ इस पूरे टॉपिक पर विस्तार से बात करूंगा। पायलट बनना आसान नहीं है, लेकिन अगर सही दिशा और सही जानकारी मिल जाए तो यह सपना जरूर पूरा हो सकता है।

इस आर्टिकल में हम step by step समझेंगे पायलट बनने के लिए आवश्यक योग्यता, पढ़ाई, कोर्स, खर्च, करियर और सैलरी से जुड़ी पूरी जानकारी। ताकि आप शुरुआत से ही सही प्लान बना सकें और अपने लक्ष्य की ओर आत्मविश्वास के साथ बढ़ सकें।

Table of Contents

पायलट बनने के लिए आवश्यक योग्यता और शिक्षा

पायलट बनने के लिए आवश्यक योग्यता और शिक्षा

पायलट बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है?

पायलट बनने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आपने 12वीं कक्षा (Intermediate) पूरी की हो और उसमें Physics और Mathematics अनिवार्य विषय हों। यह दोनों सब्जेक्ट इसलिए जरूरी हैं क्योंकि विमान उड़ाने और उसकी तकनीक को समझने के लिए गणितीय कैलकुलेशन और भौतिकी (Physics) का ज्ञान होना आवश्यक है।

अगर आपने 12वीं साइंस स्ट्रीम (PCM) से पास की है, तो आप आसानी से Student Pilot License (SPL) के लिए आवेदन कर सकते हैं।

मुख्य पॉइंट्स

  • 12वीं कक्षा (10+2) पास होना जरूरी है।
  • Physics और Mathematics आपके सब्जेक्ट होने चाहिए।
  • अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान होना भी जरूरी है क्योंकि पायलट ट्रेनिंग और एविशन की सारी पढ़ाई इंग्लिश में होती है।
  • 12वीं पास करने के बाद आप DGCA (Directorate General of Civil Aviation) द्वारा मान्यता प्राप्त फ्लाइंग स्कूल या Academy में एडमिशन ले सकते हैं।

सरल शब्दों में कहें तो – अगर आप पायलट बनना चाहते हैं तो 12वीं में PCM (Physics, Chemistry, Maths) लेना सबसे पहली और ज़रूरी शर्त है।

पायलट बनने के लिए कौन सा सब्जेक्ट लेना चाहिए?

पायलट बनने के लिए सही विषय (Subjects) चुनना बहुत जरूरी है। अगर आप 11वीं–12वीं में हैं और भविष्य में पायलट बनने का सपना रखते हैं, तो आपको नीचे दिए गए विषय लेने चाहिए:

अनिवार्य विषय

  1. Physics (भौतिकी) – विमान उड़ाने के दौरान गति, दबाव, हवा का प्रवाह, एरोडायनामिक्स जैसी चीजें समझने के लिए।
  2. Mathematics (गणित) – नेविगेशन, कैलकुलेशन, दूरी और ईंधन का अनुमान लगाने के लिए।
  3. English (अंग्रेजी) – एविएशन की पूरी पढ़ाई और कम्युनिकेशन इंग्लिश में होता है। इसलिए इंग्लिश का अच्छा ज्ञान जरूरी है।

अन्य विषय

  • Chemistry भी अक्सर PCM कॉम्बिनेशन के साथ ली जाती है, लेकिन यह पायलट बनने के लिए उतनी अनिवार्य नहीं है।
  • अगर आपका ध्यान एविएशन सेक्टर में है, तो कंप्यूटर की बेसिक जानकारी भी आपके लिए फायदेमंद होगी।

क्यों जरूरी हैं ये सब्जेक्ट?

  • Physics और Maths से आपकी DGCA परीक्षा पास करने की क्षमता मजबूत होती है।
  • इंग्लिश से आप एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और अंतरराष्ट्रीय पायलटिंग में आसानी से कम्युनिकेट कर सकते हैं।

संक्षेप में, पायलट बनने के लिए Physics, Mathematics और English सबसे जरूरी विषय हैं।

पायलट बनने के लिए कितने परसेंट चाहिए?

पायलट बनने के लिए 12वीं कक्षा में Physics और Mathematics होना जरूरी है। लेकिन सिर्फ सब्जेक्ट ही काफी नहीं हैं, आपको एक निश्चित प्रतिशत (Percentage) भी हासिल करना होता है।

न्यूनतम प्रतिशत की शर्त

  • भारत में पायलट बनने के लिए अधिकतर फ्लाइंग स्कूल और DGCA (Directorate General of Civil Aviation) की शर्त के अनुसार कम से कम 50%–60% मार्क्स जरूरी हैं।
  • कुछ प्राइवेट फ्लाइंग अकादमियां 55% या उससे ज्यादा मार्क्स मांग सकती हैं।

क्यों जरूरी है अच्छा प्रतिशत?

  • पायलट ट्रेनिंग की पढ़ाई काफी टेक्निकल होती है, इसलिए बुनियादी स्तर पर मजबूत पकड़ होना जरूरी है।
  • अच्छे प्रतिशत से आपको एडमिशन, स्कॉलरशिप और एजुकेशन लोन लेने में भी आसानी होती है।

क्या कम प्रतिशत वाले छात्र पायलट बन सकते हैं?

  • अगर किसी छात्र के 50% से कम अंक हैं, तो भारत में उन्हें दिक्कत आ सकती है।
  • हालांकि, कुछ विदेशी फ्लाइंग स्कूल सिर्फ एंट्रेंस एग्जाम और मेडिकल फिटनेस देखकर एडमिशन देते हैं।

संक्षेप में, भारत में पायलट बनने के लिए 12वीं में कम से कम 50–60% अंक जरूरी हैं।

क्या पायलट बनने के लिए NEET जरूरी है?

बहुत से छात्र यह मान लेते हैं कि पायलट बनने के लिए NEET (National Eligibility cum Entrance Test) देना जरूरी है। लेकिन यह पूरी तरह गलत धारणा है।

सच्चाई यह है

  • NEET केवल मेडिकल और डेंटल कोर्स (MBBS, BDS आदि) के लिए अनिवार्य है।
  • पायलट बनने के लिए NEET की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • पायलट बनने के लिए आपको DGCA (Directorate General of Civil Aviation) द्वारा आयोजित परीक्षाएं और मेडिकल फिटनेस टेस्ट पास करना होता है।

पायलट बनने के लिए क्या जरूरी है?

  • 12वीं में Physics और Maths होना अनिवार्य।
  • DGCA द्वारा मान्यता प्राप्त फ्लाइंग स्कूल से ट्रेनिंग।
  • DGCA की थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षाएं पास करना।
  • Class 1 Medical Fitness Certificate प्राप्त करना।

अगर आप पायलट बनना चाहते हैं तो NEET की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ DGCA से जुड़े टेस्ट और फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी करनी होगी।

पायलट बनने के लिए कितनी उम्र होनी चाहिए?

पायलट बनने के लिए कितनी उम्र होनी चाहिए

पायलट बनने के लिए उम्र की एक न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय की गई है। यह सीमा आपके द्वारा लिए जाने वाले लाइसेंस पर निर्भर करती है।

न्यूनतम उम्र

  • Student Pilot License (SPL) के लिए न्यूनतम उम्र 17 साल होनी चाहिए।
  • Private Pilot License (PPL) के लिए भी न्यूनतम उम्र 17 साल है।
  • Commercial Pilot License (CPL) के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल निर्धारित है।

अधिकतम उम्र

  • पायलट बनने के लिए कोई सख्त अधिकतम उम्र तय नहीं है, लेकिन ज्यादातर छात्र 17 से 25 साल के बीच ट्रेनिंग शुरू करते हैं।
  • एयरलाइंस में नौकरी पाने के लिए आमतौर पर 35 साल तक का उम्मीदवार प्राथमिकता में माना जाता है।

क्यों जरूरी है सही उम्र?

  • पायलट ट्रेनिंग और फ्लाइंग में काफी शारीरिक और मानसिक फिटनेस की आवश्यकता होती है।
  • कम उम्र में शुरू करने से आपके पास करियर बनाने और अनुभव जुटाने का ज्यादा समय होता है।

संक्षेप में, पायलट बनने के लिए न्यूनतम उम्र 17 साल और CPL के लिए 18 साल जरूरी है।

पायलट बनने के लिए कितनी हाइट चाहिए?

पायलट बनने के लिए सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि शारीरिक फिटनेस भी उतनी ही जरूरी है। इसमें हाइट (ऊंचाई) की भी एक न्यूनतम शर्त रखी जाती है, ताकि उम्मीदवार आसानी से विमान के कंट्रोल और इंस्ट्रूमेंट्स को ऑपरेट कर सके।

न्यूनतम हाइट (Commercial Pilot के लिए)

  • पुरुष उम्मीदवार: कम से कम 5 फीट 2 इंच (157 सेमी)
  • महिला उम्मीदवार: कम से कम 5 फीट (152 सेमी)

एयरफोर्स पायलट के लिए

  • भारतीय वायुसेना (Air Force) में पायलट बनने के लिए हाइट की शर्तें थोड़ी सख्त होती हैं।
  • औसत ऊंचाई: 162.5 सेमी
  • साथ ही, आपके हाथ और पैरों की लंबाई भी निर्धारित मापदंडों के अनुसार होनी चाहिए।

क्यों जरूरी है हाइट?

  • विमान के कॉकपिट में कंट्रोल्स को सही ढंग से पकड़ने और ऑपरेट करने के लिए।
  • उड़ान के दौरान सुरक्षा और आराम बनाए रखने के लिए।

संक्षेप में, कमर्शियल पायलट बनने के लिए 152 सेमी (महिला) और 157 सेमी (पुरुष) की हाइट जरूरी है।

क्या पायलट परीक्षा कठिन होती है?

बहुत से छात्र यह सोचकर घबराते हैं कि पायलट बनने की परीक्षा बहुत कठिन होती होगी। सच यह है कि परीक्षा कठिन नहीं बल्कि टेक्निकल और प्रैक्टिकल होती है। अगर आपने सही तैयारी की है तो इसे पास करना संभव है।

परीक्षा किसकी होती है?

  • पायलट बनने के लिए आपको DGCA (Directorate General of Civil Aviation) द्वारा आयोजित परीक्षाएं देनी होती हैं।
  • इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों शामिल होते हैं।

पायलट परीक्षा में पूछे जाने वाले विषय

  1. एयर रेगुलेशन (Air Regulation)
  2. एयर नेविगेशन (Air Navigation)
  3. एविएशन मेटियोरोलॉजी (Aviation Meteorology)
  4. टेक्निकल जनरल (Technical General)
  5. रेडियो टेलीफोनी (RT)

क्या यह कठिन है?

  • अगर आपके पास Physics और Maths की अच्छी समझ है, तो यह परीक्षा उतनी कठिन नहीं लगेगी।
  • थ्योरी के साथ-साथ फ्लाइंग प्रैक्टिस भी जरूरी है।
  • नियमित पढ़ाई, सिमुलेटर ट्रेनिंग और सही गाइडेंस से परीक्षा आसानी से पास की जा सकती है।

पायलट परीक्षा कठिन नहीं बल्कि कॉन्सेप्ट और प्रैक्टिकल ज्ञान पर आधारित होती है। मेहनत और अनुशासन से आप इसे पास कर सकते हैं।

पायलट ट्रेनिंग, कोर्स और खर्च (Training, Course and Expenses)

पायलट ट्रेनिंग, कोर्स और खर्च

पायलट का कोर्स कितने साल का होता है?

पायलट बनने की पढ़ाई में अलग-अलग स्टेज पर अलग-अलग कोर्स करने पड़ते हैं। हर कोर्स की अवधि अलग होती है, लेकिन अगर आप सीधे कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) की बात करें तो इसकी अवधि लगभग 18 महीने से 3 साल तक हो सकती है। यह आपकी ट्रेनिंग स्पीड, मौसम की स्थिति और फ्लाइंग स्कूल की उपलब्धता पर निर्भर करता है।

पायलट कोर्स की अवधि (स्टेप-बाय-स्टेप)

  1. स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (SPL)
    • अवधि: 1 से 3 महीने
    • यह पायलट बनने की शुरुआती स्टेज है। इसमें बेसिक थ्योरी और कुछ फ्लाइंग प्रैक्टिस शामिल होती है।
  2. प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL)
    • अवधि: 6 से 12 महीने
    • इसमें आप बेसिक फ्लाइंग सीखते हैं और लगभग 40–50 घंटे की उड़ान पूरी करनी होती है।
  3. कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL)
    • अवधि: 18 महीने से 3 साल
    • इसमें आपको 200 घंटे तक फ्लाइंग पूरी करनी होती है और DGCA की थ्योरी परीक्षाएं पास करनी होती हैं।
    • यह पायलट बनने का सबसे मुख्य कोर्स है।

कुल मिलाकर

  • अगर आप लगातार पढ़ाई और ट्रेनिंग करते हैं तो आप 2 से 3 साल में पायलट बन सकते हैं।
  • लेकिन कई बार मौसम, फ्लाइंग स्लॉट और परीक्षाओं की वजह से यह समय 3 से 4 साल भी लग सकता है।

पायलट का कोर्स 18 महीने से 3 साल का होता है, और इसमें CPL सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

पायलट की पढ़ाई और ट्रेनिंग कितने साल की होती है?

पायलट बनने के लिए सिर्फ थ्योरी पढ़ाई ही नहीं, बल्कि फ्लाइंग ट्रेनिंग भी पूरी करनी होती है। पढ़ाई और ट्रेनिंग की कुल अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितनी जल्दी अपने सभी उड़ान घंटे और परीक्षा पूरी कर पाते हैं।

पढ़ाई की अवधि

  • 12वीं (Physics और Maths के साथ) पूरी करने के बाद आप पायलट ट्रेनिंग में एडमिशन ले सकते हैं।
  • थ्योरी क्लासेस में एविएशन मेटियोरोलॉजी, एयर नेविगेशन, एयर रेगुलेशन और टेक्निकल सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं।
  • थ्योरी की पढ़ाई आमतौर पर 6 से 12 महीने में पूरी हो जाती है।

ट्रेनिंग की अवधि

  • प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL): 6 से 12 महीने
  • कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL): 18 महीने से 3 साल
  • CPL के लिए आपको कम से कम 200 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी करनी पड़ती है।

कुल अवधि

  • अगर आप नियमित पढ़ाई और ट्रेनिंग करते हैं, तो औसतन 2 से 3 साल में पायलट बनने की पढ़ाई और ट्रेनिंग पूरी हो जाती है।
  • लेकिन अगर बीच में गैप आया या परीक्षाएं क्लियर करने में समय लगा, तो यह अवधि 4 साल तक भी जा सकती है।

पायलट की पढ़ाई और ट्रेनिंग पूरी करने में औसतन 2 से 3 साल का समय लगता है।

पायलट की पढ़ाई में कितना खर्चा आता है?

पायलट बनने की पढ़ाई और ट्रेनिंग सबसे महंगी कोर्सों में से एक मानी जाती है। इसका खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप भारत में ट्रेनिंग करते हैं या विदेश में

भारत में पायलट ट्रेनिंग का खर्च

  • प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL): लगभग 8–12 लाख रुपये
  • कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL): लगभग 35–50 लाख रुपये
  • CPL के लिए 200 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग जरूरी होती है और यही सबसे बड़ा खर्च होता है।

कुल मिलाकर भारत में पायलट बनने का खर्च औसतन 40 से 60 लाख रुपये तक हो सकता है।

विदेश में पायलट ट्रेनिंग का खर्च

  • अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में यह खर्च 60 लाख से 80 लाख रुपये तक होता है।
  • कुछ यूरोपीय देशों में यह खर्च 1 करोड़ रुपये तक भी जा सकता है।

अतिरिक्त खर्च

  • मेडिकल टेस्ट और DGCA फीस
  • यूनिफॉर्म और स्टडी मटेरियल
  • सिमुलेटर ट्रेनिंग फीस
  • रहने और खाने का खर्च

भारत में पायलट बनने का खर्च औसतन 40–60 लाख रुपये और विदेश में 60 लाख से 1 करोड़ रुपये तक हो सकता है।

खर्च का प्रकारअनुमानित खर्च (रुपये में)विवरण
CPL कोर्स फीस₹35,00,000 – ₹45,00,000फ्लाइंग आवर्स (200 घंटे तक), ग्राउंड स्कूल, ट्रेनिंग फीस
DGCA परीक्षा शुल्क₹1,00,000 – ₹1,50,000लाइसेंस और मेडिकल एग्जामिनेशन फीस
स्टडी मटेरियल और यूनिफॉर्म₹50,000 – ₹1,00,000बुक्स, नोट्स, यूनिफॉर्म, किट्स
होस्टल/रहने का खर्च₹6,00,000 – ₹8,00,0002 साल तक हॉस्टल या रेंट पर रहना
खाना (फूड)₹3,00,000 – ₹4,00,0002 साल के लिए खाना और अन्य खर्चे
यात्रा और अन्य खर्चे₹1,00,000 – ₹2,00,000ट्रेनिंग लोकेशन पर आना-जाना, रोजमर्रा खर्चे
टाइप रेटिंग (आवश्यक)₹15,00,000 – ₹25,00,000किसी विशेष एयरक्राफ्ट जैसे Airbus/Boeing उड़ाने की ट्रेनिंग

बिना पैसे के पायलट कैसे बने?

पायलट बनने में लाखों रुपये का खर्च आता है, लेकिन हर किसी के लिए इतनी बड़ी रकम जुटाना आसान नहीं होता। ऐसे में कई स्टूडेंट यह जानना चाहते हैं कि क्या बिना पैसे या कम पैसों में पायलट बना जा सकता है।

1. स्कॉलरशिप और ग्रांट

  • भारत सरकार, एयरफोर्स और कुछ प्राइवेट इंस्टिट्यूट्स पायलट ट्रेनिंग के लिए स्कॉलरशिप देते हैं।
  • इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स और राजीव गांधी एविएशन एकेडमी जैसे संस्थान योग्य छात्रों को फाइनेंशियल मदद प्रदान करते हैं।
  • SC/ST और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए भी कुछ सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं।

2. एयर फोर्स से पायलट बनना

  • अगर आप NDA (National Defence Academy) या AFCAT के जरिए इंडियन एयरफोर्स में सिलेक्ट हो जाते हैं, तो वहां आपको फ्री पायलट ट्रेनिंग मिलती है।
  • यह सबसे अच्छा तरीका है जिसमें आपको न सिर्फ मुफ्त ट्रेनिंग मिलती है, बल्कि सैलरी भी मिलती है।

3. बैंक लोन

  • कई बैंक पायलट ट्रेनिंग के लिए एजुकेशन लोन देते हैं।
  • इसमें ट्यूशन फीस, ट्रेनिंग खर्च और यहां तक कि रहने-खाने का खर्च भी कवर होता है।

4. एयरलाइन स्पॉन्सरशिप

  • कुछ एयरलाइंस खास स्कीम के तहत योग्य उम्मीदवारों को स्पॉन्सर करती हैं।
  • स्पॉन्सरशिप मिलने पर एयरलाइन आपका ट्रेनिंग खर्च उठाती है और बदले में आपको उनकी कंपनी में काम करना पड़ता है।

बिना पैसे पायलट बनना सीधे तौर पर संभव नहीं है, लेकिन स्कॉलरशिप, एयरफोर्स और लोन जैसे विकल्पों से आप कम पैसों में भी यह सपना पूरा कर सकते हैं।

पायलट ट्रेनिंग के लिए पैसे कैसे मिलते हैं?

पायलट ट्रेनिंग महंगी होती है और ज्यादातर छात्रों के लिए इतनी बड़ी रकम जुटाना आसान नहीं होता। लेकिन इसके लिए कई विकल्प मौजूद हैं, जिनसे आप ट्रेनिंग के लिए पैसे जुटा सकते हैं।

1. बैंक एजुकेशन लोन

  • भारत के लगभग सभी बड़े बैंक जैसे SBI, PNB, Canara Bank, Axis Bank, ICICI आदि पायलट ट्रेनिंग के लिए एजुकेशन लोन उपलब्ध कराते हैं।
  • इसमें कोर्स फीस, यूनिफॉर्म, किताबें, रहने और खाने का खर्च शामिल हो सकता है।
  • आमतौर पर 7.5 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाता है।

2. सरकारी योजनाएं

  • कुछ राज्य सरकारें एविएशन ट्रेनिंग के लिए विशेष स्कॉलरशिप और लोन सब्सिडी देती हैं।
  • SC, ST और OBC कैटेगरी के लिए विशेष योजनाएं उपलब्ध होती हैं।

3. एयरलाइन कैडेट प्रोग्राम

  • इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट जैसी कंपनियां समय-समय पर कैडेट पायलट प्रोग्राम चलाती हैं।
  • इन प्रोग्राम्स में एयरलाइन खुद ट्रेनिंग आयोजित करती है और स्टूडेंट्स को EMI बेसिस पर फीस भरने की सुविधा देती है।

4. प्राइवेट फाइनेंस

  • कई प्राइवेट फाइनेंस कंपनियां भी एविएशन ट्रेनिंग के लिए लोन देती हैं।
  • हालांकि इनका ब्याज दर बैंकों से थोड़ा ज्यादा हो सकता है।

5. स्पॉन्सरशिप और स्कॉलरशिप

  • कुछ संस्थान और ट्रस्ट योग्य छात्रों को आंशिक या पूरी फीस की मदद देते हैं।
  • इसके लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम और इंटरव्यू पास करना होता है।

पायलट ट्रेनिंग के लिए पैसे जुटाने के सबसे भरोसेमंद तरीके हैं बैंक एजुकेशन लोन, एयरलाइन कैडेट प्रोग्राम और सरकारी योजनाएं।

हवाई जहाज चलाने के लिए क्या करना पड़ता है?

हवाई जहाज उड़ाना एक बहुत जिम्मेदारी भरा काम है। इसके लिए सिर्फ ट्रेनिंग ही नहीं, बल्कि लाइसेंस और टेक्निकल जानकारी होना भी जरूरी है। आइए जानते हैं पायलट बनने के बाद हवाई जहाज उड़ाने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है:

1. पायलट लाइसेंस प्राप्त करना

  • शुरुआत में Student Pilot License (SPL) मिलता है।
  • इसके बाद Private Pilot License (PPL) और फिर Commercial Pilot License (CPL) लेना पड़ता है।
  • CPL मिलने के बाद ही आप पैसेंजर या कमर्शियल फ्लाइट उड़ा सकते हैं।

2. फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी करना

  • कम से कम 200 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी करनी होती है।
  • इसमें टेकऑफ, लैंडिंग, नेविगेशन, नाइट फ्लाइंग और इमरजेंसी सिचुएशन हैंडल करना सिखाया जाता है।

3. टाइप रेटिंग (Type Rating)

  • CPL लेने के बाद अगर आप Boeing, Airbus जैसे बड़े हवाई जहाज उड़ाना चाहते हैं तो उसके लिए टाइप रेटिंग ट्रेनिंग करनी पड़ती है।
  • यह ट्रेनिंग 3–6 महीने तक चलती है और इसमें किसी खास एयरक्राफ्ट को चलाना सिखाया जाता है।

4. मेडिकल फिटनेस

  • DGCA द्वारा निर्धारित Class 1 Medical Test पास करना जरूरी है।
  • इसमें आंखों की रोशनी, ब्लड प्रेशर, हार्ट और शरीर की सामान्य फिटनेस चेक की जाती है।

5. एयरलाइन में भर्ती

  • पायलट को एयरलाइन में जॉब मिलने के बाद कंपनी की इंटरनल ट्रेनिंग और टेस्ट पास करना होता है।
  • इसके बाद ही पायलट को फ्लाइट उड़ाने की अनुमति दी जाती है।

हवाई जहाज चलाने के लिए आपको CPL, फ्लाइंग ट्रेनिंग, टाइप रेटिंग और मेडिकल फिटनेस टेस्ट पास करना जरूरी है।

पायलट का करियर और सैलरी (Career and Salary)

पायलट का करियर और सैलरी

पायलट की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?

पायलट की सैलरी उनकी पोस्ट, अनुभव और जिस एयरलाइन में वे काम करते हैं उस पर निर्भर करती है। भारत में पायलट को शुरूआती स्तर पर ही अच्छी खासी सैलरी मिलती है।

शुरुआती पायलट (Fresher Pilot)

  • जब कोई नया पायलट एयरलाइन में जॉइन करता है तो उसकी सैलरी लगभग ₹1.5 लाख से ₹3 लाख प्रति माह होती है।
  • इसमें बेसिक सैलरी, फ्लाइंग अलाउंस और अन्य भत्ते शामिल होते हैं।

अनुभव बढ़ने पर

  • 5–10 साल के अनुभव वाले कमर्शियल पायलट की सैलरी ₹5 लाख से ₹10 लाख प्रति माह तक पहुंच सकती है।
  • इंटरनेशनल फ्लाइट उड़ाने वाले पायलट को घरेलू पायलट से ज्यादा सैलरी मिलती है।

कैप्टन पायलट

  • कैप्टन या चीफ पायलट की सैलरी औसतन ₹10 लाख से ₹15 लाख प्रति माह होती है।
  • कुछ बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस में यह सैलरी ₹20 लाख प्रति माह से भी ज्यादा हो सकती है।

पायलट की मासिक आय कितनी होती है? (Fresher vs Experienced)

पायलट की मासिक आय कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे अनुभव, एयरलाइन का प्रकार (Domestic या International), और पद (First Officer या Captain)।

Fresher पायलट (नया पायलट)

  • किसी नई एयरलाइन में शामिल होने वाले पायलट की मासिक आय औसतन ₹1.5 लाख से ₹3 लाख तक होती है।
  • कुछ एयरलाइंस में ट्रेनिंग पीरियड के दौरान यह आय थोड़ी कम भी हो सकती है।

Experienced पायलट (अनुभवी पायलट)

  • 5 से 10 साल के अनुभव वाले पायलट की आय ₹5 लाख से ₹8 लाख प्रति माह तक पहुंच सकती है।
  • इंटरनेशनल फ्लाइट उड़ाने वाले पायलट की कमाई घरेलू उड़ानों से कहीं ज्यादा होती है।

Captain और Senior Pilot

  • कैप्टन बनने के बाद सैलरी ₹10 लाख से ₹15 लाख प्रति माह तक हो सकती है।
  • इंटरनेशनल एयरलाइंस में यह आय ₹20 लाख+ प्रति माह भी हो सकती है।

Fresher पायलट लगभग ₹2–3 लाख महीना कमाता है, जबकि अनुभवी और कैप्टन पायलट ₹10–20 लाख महीना तक कमा सकते हैं।

पायलट की नौकरी कितने साल तक रहती है?

पायलट का करियर लंबा और स्थिर होता है, लेकिन इसके लिए कुछ नियम और सीमाएँ भी होती हैं।

DGCA के नियम के अनुसार

  • भारत में DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने पायलट की रिटायरमेंट उम्र 65 साल तय की है।
  • यानी कोई भी कमर्शियल पायलट 65 साल तक सक्रिय रूप से उड़ान भर सकता है।

नौकरी की अवधि

  • यदि कोई पायलट 20–22 साल की उम्र में ट्रेनिंग पूरी कर ले और एयरलाइन जॉइन कर ले, तो वह लगभग 40 साल तक नौकरी कर सकता है
  • इसका मतलब है कि पायलट का करियर औसतन 35–40 साल लंबा होता है।

मेडिकल फिटनेस की शर्त

  • पायलट की नौकरी तब तक चलती है जब तक वह Class 1 Medical Test पास करता है।
  • अगर मेडिकल फिटनेस में कोई समस्या आती है तो नौकरी जल्दी भी खत्म हो सकती है।

पायलट की नौकरी कैसे मिल सकती है? (एयरलाइन में भर्ती प्रक्रिया)

पायलट की नौकरी कैसे मिल सकती है?

पायलट बनने के बाद सबसे अहम कदम होता है किसी एयरलाइन में नौकरी पाना। एयरलाइन की भर्ती प्रक्रिया काफी सख्त और व्यवस्थित होती है। आइए जानते हैं इसमें क्या-क्या शामिल होता है:

1. CPL लाइसेंस प्राप्त करना

  • सबसे पहले आपके पास Commercial Pilot License (CPL) होना जरूरी है।
  • बिना CPL कोई भी एयरलाइन पायलट को नौकरी पर नहीं रखती।

2. एयरलाइन जॉब नोटिफिकेशन

  • इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट, गो फर्स्ट जैसी कंपनियां समय-समय पर कैडेट पायलट प्रोग्राम या डायरेक्ट भर्ती की घोषणा करती हैं।
  • इसके लिए आपको उनकी आधिकारिक वेबसाइट या जॉब पोर्टल्स पर नजर रखनी होगी।

3. लिखित परीक्षा और इंटरव्यू

  • एयरलाइन चयन प्रक्रिया में अंग्रेजी, मैथ्स, रीजनिंग और एविएशन से जुड़े प्रश्नों की परीक्षा होती है।
  • इसके बाद टेक्निकल इंटरव्यू और पर्सनल इंटरव्यू लिया जाता है।

4. सिम्युलेटर टेस्ट

  • उम्मीदवार की क्षमता जांचने के लिए सिम्युलेटर पर टेस्ट लिया जाता है।
  • इसमें देखा जाता है कि पायलट इमरजेंसी और कठिन परिस्थितियों में कैसा प्रदर्शन करता है।

5. मेडिकल और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन

  • DGCA का Class 1 Medical Certificate अनिवार्य होता है।
  • साथ ही आपके फ्लाइंग आवर्स और ट्रेनिंग डॉक्यूमेंट्स भी चेक किए जाते हैं।

6. जॉइनिंग और ट्रेनिंग

  • चयन होने पर एयरलाइन अपनी आंतरिक ट्रेनिंग कराती है।
  • इसके बाद ही पायलट को फ्लाइट पर तैनात किया जाता है।

भारत में पायलटों का भविष्य क्या है? (Career Scope)

भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते हुए एविएशन बाजारों में से एक है। आने वाले सालों में भारत में पायलटों की डिमांड काफी बढ़ने वाली है।

1. एविएशन इंडस्ट्री का विस्तार

  • भारत में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
  • इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट, विस्तारा जैसी एयरलाइंस नए एयरक्राफ्ट खरीद रही हैं और अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं।
  • इसका सीधा मतलब है कि आने वाले सालों में पायलटों की जरूरत और बढ़ेगी।

2. एयर इंडिया का विस्तार

  • टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया को फिर से ग्लोबल लेवल पर मजबूत करने के लिए सैकड़ों नए एयरक्राफ्ट ऑर्डर किए हैं।
  • इसका फायदा युवा पायलटों को मिलेगा क्योंकि इसमें हजारों नई नौकरियां निकलेंगी।

3. सरकारी और प्राइवेट एयरपोर्ट्स की वृद्धि

  • भारत सरकार UDAN स्कीम के तहत छोटे शहरों को हवाई नेटवर्क से जोड़ रही है।
  • नए एयरपोर्ट बनने से नए रूट्स खुलेंगे और ज्यादा पायलटों की जरूरत पड़ेगी।

4. कैरियर ग्रोथ

  • पायलट शुरुआत में First Officer से करियर शुरू करते हैं और अनुभव के साथ Captain, फिर Training Captain और आगे चलकर Chief Pilot बन सकते हैं।
  • हर प्रमोशन के साथ सैलरी और सुविधाएं बढ़ती जाती हैं।

पायलटों के लिए 3 से 1 नियम क्या है?

एविएशन इंडस्ट्री में पायलटों की सुरक्षा और थकान को ध्यान में रखते हुए कई नियम बनाए गए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम है 3 से 1 (3:1) रूल

3 से 1 नियम का मतलब

  • पायलटों को हर 3 घंटे की फ्लाइट के लिए कम से कम 1 घंटे का रेस्ट देना अनिवार्य होता है।
  • उदाहरण के लिए, अगर पायलट ने 9 घंटे उड़ान भरी है, तो उसे कम से कम 3 घंटे का आराम देना जरूरी है।

क्यों है यह नियम?

  • पायलट की थकान उड़ान की सुरक्षा पर असर डाल सकती है।
  • थके हुए पायलट से गलतियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • इस नियम से सुनिश्चित किया जाता है कि पायलट हर उड़ान के लिए पूरी तरह फिट और अलर्ट रहें।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

  • DGCA (भारत) और ICAO (International Civil Aviation Organization) दोनों इस नियम को मानते हैं।
  • अलग-अलग देशों में यह रेशियो थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन पायलटों को पर्याप्त रेस्ट देना हर जगह अनिवार्य है।

पायलट कितने प्रकार के होते हैं?

पायलट कई तरह के होते हैं और हर प्रकार का पायलट अलग-अलग जिम्मेदारी निभाता है। आइए जानते हैं पायलटों के मुख्य प्रकार:

1. कमर्शियल पायलट (Commercial Pilot)

  • ये पायलट यात्री और कार्गो फ्लाइट्स उड़ाते हैं।
  • इनके पास Commercial Pilot License (CPL) होता है।
  • इन्हें एयरलाइन में सबसे ज्यादा नौकरी के अवसर मिलते हैं।

2. फाइटर पायलट (Fighter Pilot)

  • ये भारतीय वायुसेना (Air Force) में होते हैं।
  • इनका काम देश की सुरक्षा और युद्धकालीन ऑपरेशन में उड़ान भरना होता है।
  • इनकी ट्रेनिंग NDA या AFCAT के जरिए होती है।

3. कार्गो पायलट (Cargo Pilot)

  • ये पायलट मालवाहक विमान उड़ाते हैं।
  • Amazon Air, Blue Dart, FedEx जैसी कंपनियों में इनकी मांग होती है।

4. टेस्ट पायलट (Test Pilot)

  • नए विमानों और एयरक्राफ्ट पार्ट्स को टेस्ट करने के लिए नियुक्त किए जाते हैं।
  • ये काम बेहद रिस्की होता है क्योंकि नए एयरक्राफ्ट की परफॉर्मेंस इन्हीं के जरिए जांची जाती है।

5. हेलीकॉप्टर पायलट (Helicopter Pilot)

  • ये पायलट हेलीकॉप्टर उड़ाते हैं।
  • इनका उपयोग मेडिकल इमरजेंसी, पर्यटन, सेना और रेस्क्यू मिशन में होता है।

6. प्राइवेट पायलट (Private Pilot)

  • ये पायलट शौक या व्यक्तिगत जरूरत के लिए विमान उड़ाते हैं।
  • इनके पास Private Pilot License (PPL) होता है और ये कमर्शियल फ्लाइट नहीं चला सकते।

पायलट मुख्य रूप से कमर्शियल, फाइटर, कार्गो, टेस्ट, हेलीकॉप्टर और प्राइवेट पायलट के रूप में काम करते हैं। हर प्रकार का पायलट अपनी अलग भूमिका निभाता है।

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